GLOBAL INNOVATION INDEX 2019

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय


 ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक-2019’ में भारत 52वें       पायदान  पर



केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2019’ को लांच किया। भारत इस सूचकांक में पिछले वर्ष के 57वें पायदान से पांच स्थान ऊपर चढ़कर वर्ष 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है।

Regional innovation leaders 2018

Region / rankCountryGII 2018 global rank
Northern America
1United States of America6
2Canada18
Sub-Saharan Africa
1South Africa58
2Mauritius75
3Kenya78
Latin America and the Caribbean
1Chile47
2Costa Rica54
3Mexico56
Central and Southern Asia
1India57
2Iran, Islamic Republic of65
3Kazakhstan74
Northern Africa and Western Asia
1Israel11
2Cyprus29
3United Arab Emirates38
South East Asia, East Asia, and Oceania
1Singapore5
2Republic of Korea12
3Japan13
Europe
1Switzerland1
2The Netherlands2
3Sweden3

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर सबसे पहले इस प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि भारत ऊंची छलांग लगाकर जीआईआई-2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नवाचार की संस्कृति अब अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। श्री गोयल ने कहा कि भारत जीआईआई में 50वें पायदान पर पहुंचने के लिए अपने अथक प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अतीत की उपलब्धियों पर तब तक संतुष्ट होकर नहीं बैठेगा, जब तक कि वह वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 25 देशों में अपने आपको भी शुमार करने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेगा। उन्होंने इस रैंकिंग को हासिल करने के लिए सभी हितधारकों से इस दिशा में एक मिशन के रूप में काम करने का अनुरोध किया।
श्री गोयल ने अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र से देश को एक नवाचार केन्द्र में तब्दील करने का अनुरोध किया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) से भविष्य में नवाचार सूचकांक के हिस्से के रूप में भारत के ग्रामीण नवाचार को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उपर्युक्त रैंकिंग में हुए सुधार से देशवासियों को प्रेरित होकर समाज के हाशिये पर पड़े लोगों के साथ-साथ वंचित तबकों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास के जरिए भारत के समक्ष मौजूद विभिन्न समस्याओं के टिकाऊ समाधान ढूंढे जाने चाहिए। शहरों में बढ़ते प्रदूषण स्तर, देश के विभिन्न हिस्सों में गहराया जल संकट, तेजी से खत्म होते प्राकृतिक संसाधन, जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे और खाद्य पदार्थों की बर्बादी इन समस्याओं में शामिल हैं। देश के समक्ष मौजूद इन सभी समस्याओं का समाधान अभिनव आइडिया के जरिए किया जाना चाहिए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत को निश्चित तौर पर एक उत्तरदायी देश होना चाहिए और इसके साथ ही यहां तक कि देश के सुदूरतम इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में बेहतरी के लिए शिक्षाविदों, निजी क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों की सेवाएं लेकर इस दिशा में एक मिशन के रूप में काम करना चाहिए।
इस वर्ष की जीआईआई थीम स्वस्थ जीवन का सृजन-चिकित्सा नवाचार का भविष्य का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारत सरकार न केवल उपचारात्मक, बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा पर भी फोकस कर रही है, जिसके तहत अच्छा स्वास्थ्य (वेलनेस) सुनिश्चित करना समाज का हिस्सा बन जाता है।
जीआईआई रैंकिंग का प्रकाशन हर साल कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, इन्सीड और संयुक्त राष्ट्र के विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) तथा जीआईआई के ज्ञान साझेदारों द्वारा किया जाता है। यह 129 अर्थव्यवस्थाओं की जीआईआई रैंकिंग का 12वां संस्करण है, जो 80 संकेतकों पर आधारित है। बौद्धिक संपदा संबंधी आवेदन दाखिल करने की दरों से लेकर मोबाइल-एप्लीकेशन बनाना, शिक्षा पर व्यय और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी प्रकाशन तक इन संकेतकों में शामिल हैं।
जीआईआई में स्विट्जरलैंड अब भी पहले पायदान पर है। इसके बाद स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जर्मनी और इजरायल का नम्बर आता है।

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