उत्तर भारतीय आम के निर्यात को बढावा देने समुद्री मार्ग द्वारा पहली खेप लखनऊ से इटली भेजी गई

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय


उत्तर भारतीय आम के निर्यात को बढावा देने समुद्री मार्ग द्वारा पहली खेप लखनऊ से इटली भेजी गई

उत्तर भारत से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 10 टन आम(चौसा) की पहली खेप समुद्री मार्ग से 15 जुलाई,2019 को उत्तरप्रदेश मंडी परिषद पैक हाउस मलिहाबाद,लखनऊ से इटली भेजी गई।
इस नौवहन को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई। आम की इस खेप को उत्तर प्रदेश मंडी परिषद के निदेशक श्री आर के पांडे तथा एपीडा के एजीएम डॉ. सी बी सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागो के अधिकारी भी उपस्थित थे।
आम की इस खेप को रीफर कंटेनर द्वारा गुजरात के पीपावाव बंदरगाह भेजा जाएगा, जहां से यह स्पेन के रास्ते इटली पहुंचेगा। आम की इस खेप के लगभग 20 से 22 दिन में लखनऊ से इटली पहुंचने की संभावना है।
सामान्य रूप से उत्तरप्रदेश से आमो का निर्यात हवाई सेवा द्वारा किया जाता रहा है,लेकिन लखनऊ से यूरोप तक सामान भेजने की लागत बेहद अधिक है। उत्तरप्रदेश में अच्छी श्रेणी के आम होने के बाद भी लखनऊ से सीमित संख्या में हवाई सेवा होने तथा हवाई माल भाडे की दर अधिक होने के चलते आम का निर्यात आसान नहीं था। वायु सेवा के द्वारा प्रति किलोग्राम आम निर्यात करने की दर जहां 120 रूपए प्रति किलो थी, वहीं समुद्र मार्ग से इसे यूरोप भेजने में सिर्फ 28 रूपए प्रति किलो की लागत आएगी।
भारत से कृषि निर्यात शीतगृहो में आधारभूत ढांचे की समस्या के कारण सीमित रहा है। निर्यातक इस समस्या से निवारण के लिए आम के उपयोग करने की अवधि बढाने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहे हैं। 

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