श्री जितेन्‍द्र सिंह ने आईएएस अधिकारियों की ई-प्रशासनिक सूची-2019 जारी की

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

श्री जितेन्‍द्र सिंह ने आईएएस अधिकारियों की ई-प्रशासनिक सूची-2019 जारी की

केंद्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकासप्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज नई दिल्‍ली में आईएएस अधिकारियों की ई-प्रशासनिक सूची-2019 जारी की। यह प्रशासनिक अधिकारियों की सूची का 64वां संस्‍करण है और पहली बार इस सूची में आईएएस अधिकारियों की फोटो है।
   इस सूची में अधिकारियों के बैच, कैडर, वर्तमान पोस्टिंग, वेतनमान, योग्‍यता और उनके संपूर्ण कैडर की शक्ति के साथ सेवानिवृत्ति के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी है। सूची को कार्यकारी पत्रक से जोड़ा गया है। इस सूची को डीओपीटी के जरिए तैयार किया गया है, जिसमें उपयोगकर्ताओं को सूची देखने के अनेक विकल्‍प दिए गए हैं। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग आईएएस अधिकारियों का कैडर नियंत्रण प्राधिकार है और राज्‍यों के कैडरों से प्राप्‍त जानकारी की मदद से प्रशासनिक अधिकारियों की सूची तैयार की गई है। ई-आईएएस प्रशासनिक अधिकारी सूची मंत्रालय की वेबसाइट http:persmin.nic.in परhttps://easy.nic.in/civilListIAS/YrCurr/StartCL.htm  लिंक के तहत उपलब्‍ध है।
   इस पहल के लिए डीओपीटी को बधाई देते हुए, डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सरकार में डिजिटल कामकाज की दिशा की ओर बढ़ने की प्रधानमंत्री की प्राथमिकता को ध्‍यान में रखते हुए यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है। यह कामकाज में नागरिकों को केन्‍द्र में रखने की तर्ज पर है, क्‍योंकि यह आईएएस अधिकारियों से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक रूप से उपलब्‍ध कराएगी, जिस तक उपयोगकर्ता कहीं से भी पहुंच सकते हैं। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि मंत्रालय के अन्‍य विभागों को भी इस कार्य प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि राज्‍य सरकारों को इस मॉडल का अनुसरण करना चाहिए, ताकि उन्‍हें सम्‍बद्ध राज्‍य के प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बारे में पूरी और नियमित जानकारी मिल सके।
    प्रशासनिक अधिकारियों की सूची के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यह सूचना आयोगों का काम सरल बनाएगी, क्‍योंकि आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकारियों के बारे में मांगी गई जानकारी पहले से ही सार्वजनिक तौर पर अनेक तलाशी विकल्‍पों के साथ उपलब्‍ध होगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार की एचआर शाखा होने के नाते डीओपीटी अनुसंधान कार्य और तुलनात्‍मक आंकड़ों के विश्‍लेषण के काम को आगे बढ़ाएगा, जो अनेक मानदंडों जैसे आयु, लिंग, शैक्षणिक योग्‍यता आदि पर आधारित होगा। यह सरकार के मानव संसाधन प्रबंधन में सहायता करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन अधिकारियों की सेवाओं का सर्वश्रेष्‍ठ उपयोग किया जाए।
     मंत्रालय में सचिव डॉ. सी. चन्‍द्रमौली ने कहा कि इस सूची में 5,104 आईएएस अधिकारियों के बारे में जानकारी है। उन्‍होंने कहा कि इससे न केवल रोजमर्रा के प्रशासनिक कार्य में, बल्कि अनुसंधान में भी मदद मिलेगी, क्‍योंकि जनसंख्‍या संबंधी काफी जानकारी उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल इंडिया और सुगम जीवन को महत्‍व देने की तर्ज पर है। उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष के अंत तक लगभग सभी विभाग ई-एचआरएमएस पर होंगे, जिसका अर्थ है कि अन्‍य बातों के अलावा उनकी सर्विस बुक, एलटीसी से जुड़ी जानकारी इलेक्‍ट्रॉनिकली उपलब्‍ध होगी। उन्‍होंने कहा कि इससे रिक्‍त पदों की संख्‍या का पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी। मंत्रालय में सचिव ने डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह को डीओपीटी के डैशबोर्ड के बारे में संक्षिप्‍त रूप से बताया, जिसकी वजह से इस विभाग का समूचा कामकाज डैशबोर्ड पर उपलब्‍घ है।
    इस अवसर पर डीएआरपीजी सचिव श्री के.वी. ईपन और मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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